झील के पास चुदाई

आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाना चाहती हूँ antarvasna antarvassna Indian Sex Kamukta Chudai Hindi Sex Stories इस समय मेरी उम्र लगभग २० वर्ष हो चुकी है। मैं बी.ए. द्वितीय वर्ष में पढ़ती हूँ। हमारा कालेज को-एड है। साथ की सभी लड़कियों/सहेलियों के बॉय-फ्रैण्डस थे सिवाय मेरे।


एक बार की बात है कि मेरे ग्रुप के सभी लड़के-लड़कियों का झील पर पिकनिक मनाने का प्रोग्राम बना। मेरा भी उनके साथ जाने को बहुत मन था, सो मैं भी उनके साथ चली गई। झील पर जाकर सब ग्रुप में नहाने लगे। मैं भी अपनी सहेलियों के साथ थीं। झील के चारों ओर घना जंगल था। सब एक-दूसरे से छेड़खानी और बहुत मजा कर रहे थे।
पहले तो लड़के लड़कियाँ अलग-अलग ग्रुप में थे पर जल्दी ही हम लोग आपस में मजे करने लगे थे। मेरी सहेलियों के साथी भी उन्हें आकर छेड़ने लगे थे।


छेड़छाड़ धीरे-धीरे बढ़ रही थी और कपड़ों के उतरने तक पहुँचने लगी थी। लड़के मेरी सहेलियों की चुचियाँ दबाने लगे थे और लड़कियाँ उनके लन्ड दबाकर मजे ले रही थीं। धीरे-धीरे वे अपने-अपने जोड़े बनाकर जंगल में जाने लगे। और मैं शायद अकेली रह गई थी। लेकिन सबको देखकर मेरी जवानी में भी आग लग रही थी।


तभी अचानक मेरे टाँगों पर मैंने किसी की पकड़ महसूस की। मेरी साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गई। अचानक नीचे ही नीचे उस अजनबी हाथ की उँगलियाँ मेरी पैंटी को हटाकर मेरी चूत में तेजी से घुस गई थीं। ऐसा लगा जैसे मेरी चूत में किसी ने कोई चाकू डाल दिया हो। तभी वह अजनबी साया खड़ा हुआ। उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी चुचियाँ दबाने लगा। मैने देखा तो मेरी ही क्लास का एक लड़का था। मैं विरोध करने की स्थिति में नहीं रह गई थी। मेरे सांसे भारी होती जा रहीं थीं। तभी उस लड़के की पूर्णतः नंगी गर्ल फ्रैण्ड़ वहां पर आ गई और उसे आवाज देकर कहने लगी कि अगर मुझे चोदना छोड़कर यहीं रहना हो तो मैं जा रही हूँ। तुम इसी के साथ रहो, यह सुनकर वह लड़का मुझे छोड़कर तुरन्त चला गया जैसे मेरी कोई अहमियत ही न हो।
मैं अपनी प्यासी जवानी के साथ फिर अकेली खड़ी रह गई। पर तब मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत में दर्द हो रहा है। मैने नीचे देखा तो हल्का सा खून दिखाई दिया। मैं डर कर सोच ही रही थी कि क्या किया जाये। कि तभी एक अजनबी आवाज ने मेरा ध्यान भंग कर दिया। मैने देखा कि एक छः फुट के लगभग एक जवान मेरे सामने खड़ा है। यद्यपि वो मेरे साथ बड़े अदब से बात कर रहा था। लेकिन मुझे एक तो उस लड़के और दूसरे अपनी कुंवारी चूत से होते दर्द के कारण बहुत गुस्सा आ रहा था सो मैं उस लड़के से बहुत बेरूखी से पेश आई।


तो वह बोला कि उसका पास ही में एक काटेज है और वो वहीं से मेरे साथ हुये एक-एक वाकये को देख रहा था। और जब उसने उस लड़के के जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की तो मुझे वो भी उस समय अपना दोस्त ही लगने लगा। उसने मुझसे कहा कि आपके निचले हिस्से से खून ज्यादा ही बह रहा है, आइये मेरे काटेज पर कुछ दवा लगा लीजिये, जब तक बाकी लोग फ्री हों आप आराम कर लीजियेगा।


मैं कुछ भी सोच नहीं पा रही थी सो वहीं खड़ी रह गई। उसने शायद मेरी स्थिति जान ली और अपने आप ही पानी में आकर मुझे अपनी गोदी में उठा लिया। कोई और मौका होता तो इस हरकत के लिये मैं उसे दो-चार तमाचे मार ही देती पर मेरी हालत आप समझ सकते हैं। जब वो मुझे कसकर पकड़कर अपने काटेज की ओर ले जा रहा था तो मेरी चुचियाँ उसके सीने पर और उसके हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे थे।


खैर उसने रास्ते भर कोई गलत हरकत नहीं की। और गीले बदन ही मुझे काटेज में लेकर आ गया। जब उसने मुझे सोफे पर धीरे से लिटाया तो एक बुजुर्गवार से बोला कि बाबा, मेमसाहब कुछ देर आराम करेंगी, आप बाहर देखभाल करो कि कोई डिस्टर्ब न करे ! और अपना काम ध्यान से करना। वो बूढ़ा व्यक्ति तुरन्त ही वहाँ से चला गया। तभी उसने ध्यान दिलाया तो मैंने देखा कि चूत से खून कुछ ज्यादा ही तेजी से निकल रहा है। उसने तुरन्त पानी गर्म किया और मेरा नेकर और चड्डी उतारने लगा तो मैंने आपत्ति की पर वह बोला- मुझे डॉक्टर समझो और करने दो जो मैं कर रहा हूँ।
मैं चुप हो गई। उसने रूई के गरम फोहे से धीरे धीरे सारा खून साफ कर दिया पर मेरी आग को बहुत भड़का दिया। अब मेरी चूत चुदास की आग से जल रही थी। मुझे अन्दर से लग रहा था कि उस लड़के से आज पहली बार जी भर चुदवाना चाहिये। लेकिन मेरी हिचक अभी भी बाकी थी। वह शायद मेरी स्थिति भांप गया था, बोला- डरो नहीं इसे अपना ही घर समझो।
यह कहकर वह पीछे कुर्सी पर बैठ गया, लेकिन कभी मेरी चूचियों और कभी मेरी चूत को देखने लगा।


इतने में उसने उठकर टीवी और डीवीडी प्लेयर ऑन कर दिया। उस पर एक इंग्लिश ब्लू फिल्म चल रही थी। हम उस पिक्चर को देखने लगे। वह साथ में कोई इंग्लिश मैग्जीन भी पढ़ रहा था। उसके कवर पेज पर भी लड़कियों के नंगे चित्र छपे थे। एक कोने पर तो एक लड़की एक लड़के का लण्ड चूस रही थी तो दूसरे कोने पर चुदने-चोदने का सीन था। कुछ ऐसे ही सीन टी.वी. पर भी लगातार जारी थे।


ऐसे में मुझसे खुद पर काबू रखना असम्भव हो गया। मैं उठकर खुद ही उसके पास जाकर उसकी गोदी में बैठ गई। नीचे से तो मैं नंगी थी ही, बैठते ही चूत और गाँड के छेदों के बीच में कुछ सख्त डण्डा सा चुभता हुआ महसूस हुआ। मैं समझ गई कि यह उसका वही मस्ताना लण्ड है जो मेरी चूत का पहली बार उदघाटन करने वाला है। वह भी उत्तेजित हो चुका था। उसने मेरे होठों को अपने होठों से दबा लिया और लम्बा सा किस करने के साथ ही मेरे होठों को चूसने लगा। साथ ही मैने महसूस किया कि उसका हाथ मेरी चुचियों की तरफ बढ़ रहा था, वो भी उपर से नहीं, पठ्ठा सीधा अन्दर ही चला आ रहा था। मुझे वैसे तो गुदगुदी ही लगी लेकिन जैसे ही उसने तेजी से दबाना शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दोनो चुचियों में जबरदस्त दर्द हो रहा हो। मैं उससे और जोर जोर से दबाने को कहने लगी। पता नहीं क्यों मेरी सांसे भारी होती जा रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रही हूँ।


तभी उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मुझे पूरा नंगा करने लगा। बदले में मैने भी उत्तेजना में उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिये। उसने मेरे कपड़े उतारने के बाद अपने कपड़े उतारने में भी मेरी मदद ही की। अब हम दोनों पूर्णतया नंगे थे। अब उसने मुझे नीचे लिटाकर मेरी चुचियों को चूसना शुरू कर दिया। मेरी लिये तो ये एक बहुत बैचेनी भरा अनुभव था। जब वो एक चूसता तो लगता कि दूसरी चूसे और जब दूसरी चूसता तो लगता कि पहली वाली को और जोर से चूसना शुरू कर दे।
अचानक उसने चुचियों को चूसना बन्द कर दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे वो मेरा पता नहीं क्या छीनकर ले जा रहा है। लेकिन अगले ही मिनट उसने अपना मुंह जब मेरी चूत के मुँह के बीच में टिकाया और चाटा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी पूरी जान जैसे केवल चूत में सिमटकर रह गई हो। मेरी पूरी काया झनझना उठी। ये तो बिल्कुल जन्नत का नजारा था। वो तल्लीनता से मेरी चूत के रास्ते मेरी जान खींचने में लगा था और मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी।
अब मैं पूरी तरह से चुदवाने के लिये तैयार थी पर मेरे बार बार कहने पर भी वो चूत छोड़ने को तैयार नहीं था। अचानक मुझे एक रास्ता सूझा उससे अपनी चूत को मुक्ति दिलाने का। मैने उससे कहा- पिक्चर वाली लड़की की तरह मैं भी तुम्हारा लण्ड चूसना चाहती हूँ।
मेरी तरकीब काम कर गई, वो खड़ा हो गया और मैं उकड़ू बैठकर उसका लण्ड जोरों से चूसने लगी। वो मेरे सिर को पकड़कर ऐसे आगे पीछे करने लगा जैसे मुझे मुँह के रास्ते चोद रहा हो। अब मैने उससे कहा- मुझे जल्दी से चोदकर इस चुदास के दर्द से मुक्ति दिला दो।


इस पर उसने मुझे अपने ऊपर लिटाया और बोला कि लण्ड को चूत के छेद पर लगा कर के जोर लगाओ, चला जायेगा।


मैंने पूरा प्रयास किया लेकिन शायद अन्दर लेने की जल्दी में वो बार-बार फिसल जाता और दर्द दे जाता। तीन-चार बार असफल होने के बाद मैने उसकी तरफ तरसी निगाहों से देखा तो उसने मुझे नीचे लिटाकर लण्ड डालने का शायद नाटक किया। यह तो मुझे बाद में पता चला। उस वक्त तो उसने कहा- तुम्हारी चूत ज्यादा टाईट है इसिलिये अन्दर नहीं जा पा रहा। कई तरह से ट्राई करने के बाद उसने मुझसे कुतिया की तरह बैठने को कहा। तब तक मेरी हालत वाकई कुतिया से भी बदतर हो चुकी थी। सो उसने जैसे कहा मैने वैसे ही कर दिया। अब वो मेरे पीछे से ऊपर था और मैं कुतिया बनी उसके नीचे।


मेरे मुँह से तेजी से गर्म सांसे निकल रहीं थीं, मैं जैसे बुरी तरह हांफ रही थी। अब वो मेरे पीछे घुटनों के बल आकर बैठ गया। और अपना लन्ड मेरी चूत के मुँह पर रख दिया। उसका लण्ड गर्म सरिये की तरह गर्म हो रहा था। ऐसा लगा जैसे मेरी चूत किसी गर्म तवे से छू हो गई हो। मैं अभी यह सोच रही थी कि उसने अचानक पीछे से मेरी चूत में अपने टाइट लण्ड का जोरदार झटका दिया और शायद उसका आधा लण्ड पहली ही बार में मेरी कुंवारी चूत में चला गया।
मैं दर्द से बिलबिला उठी। ऐसा लगा कि कोई खंजर मेरी चूत के रास्ते मेरे अन्दर उतर गया। मेरी सारी चुदास उस दर्द के एक ही झटके में उतर गई। मैने उससे बचने को आगे भागने ही थी कि उसने मेरा इरादा भांप लिया और मुझे मेरी गाण्ड से पकड़कर नीचे गिरा लिया। अब मैं दर्द से बिलबिला रही थी लेकिन वो मुझे छोड़ने के बिल्कुल भी मूड़ में नहीं लग रहा था। मैंने रो-रोकर उससे छोड़ने की गुजारिश की लेकिन वो जालिम मुझे छोड़ नहीं रहा था।


मैं अभी पहले झटके से ही नहीं उबरी थी कि उसने मेरी कमर पकड़कर मुझे उठाया और दूसरा करारा झटका दे दिया। इस बार उसका पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में उतर गया। मेरे चूतड़ उसकी जांघो से जा टकराये। अब तो दर्द बिल्कुल ही बर्दाश्त के बाहर हो गया। अब उसने पहली बार प्यार से मुझे पुचकारा और मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और उसकी इस चूचियों को जोर से दबाने और कमर चाटने की हरकत ने मेरा दर्द आश्चर्यजनक रूप से कम करना शुरू कर दिया।


उसका लण्ड यद्यपि मेरी चूत के अन्दर ही था पर अब उतना दर्द महसूस नहीं हो रहा था। अब उसने धीरे-धीरे अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में मुझे भी तीखे दर्द के बावजूद मजा सा आने लगा। अब मैं उसे तेजी से धक्के लगाने को कहने लगी। उसने मेरा ध्यान रखते हुये धक्के तेजी से लगाने शुरू कर दिये। करीब १५-२० मिनट तक उसने अलग-अलग कोणों से मुझे चोदा और मुझे बहुत मजा दिया। तभी मुझे लगा जैसे मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है। मैं डिस्चार्ज हो रही थी। कुछ धक्के लगाने के बाद वो भी डिस्चार्ज हो गया। लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। मुझे बाद में पता चला कि ये तो केवल शुरूआत भर थी।


Previous
Next Post »

3 comments

Click here for comments
November 26, 2020 at 3:40 AM ×

Interesting antervasna sex story, keep share.

Balas
avatar
admin
January 21, 2021 at 1:01 PM ×

Diamond is feeling down at her latest porn hijap porn
shoot because no one remembered it's her 40th birthday. But Keiran has a plan to invite his heavy hitters over for a foursome surprise! Find out if Diamond can handle a triple cock stuffing in all her holes!

Balas
avatar
admin
January 21, 2021 at 1:01 PM ×

Diamond is feeling down at her latest porn hijap porn
shoot because no one remembered it's her 40th birthday. But Keiran has a plan to invite his heavy hitters over for a foursome surprise! Find out if Diamond can handle a triple cock stuffing in all her holes!

Balas
avatar
admin
Thanks for your comment