यह बात तब की हे जब मैंने और मेरे साथ एक लड़की उर्वी ने ऑफिस में ज्वाइन किया था; उस को मेरी जगह से एकदम नजदीक वाली सीट मिली; हम लोग काम भी करते और एक दूसरे की बात भी शेयर करते थे; कुछ दिनों में धीरे धीरे हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे.
फिर एक साल के बाद उर्वी की शादी हो गई; उसने बताया कि उसकी शादी लव मेरेज है, इस लड़के से वो ६ साल पहले से प्यार करती थी; उसने अपने घर वालों के खिलाफ जाकर उस लड़के से शादी कर ली थी; यूं ही दिन बीतते गए और हमारी दोस्ती चलती रही.
मैं उसकी खूब तारीफ़ करता था; तो वो मुझसे यहाँ तक कहती थी; अगर तुम मुझे पहले मिले होते तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेती; उस का पति उसे बहुत प्यार करता था; और उसका पति रोज शाम को उर्वी को ऑफिस से लेने आता था.
एक दिन कुछ काम होने की वजह से वो नहीं आ पाया; तो उसने मुझसे बोला- क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे? मैंने कहा- ठीक है. चलो.
हम दोनों ऑफिस से निकले और एक रिक्शा कर लिया; और हम दोनों अंदर बैठ गए; अब हल्का अंधेरा हो चुका था; मैं पहली बार उसके इतने करीब बैठा था; वो जब मुस्कुराती थी; तो बहुत सुंदर अप्सरा लगती थी.
मैंने अपना एक हाथ उर्वी के पीछे किया और उसकी पीठ पर रख दिया; मुझे अपने हाथ पर ऊर्वी की ब्रा का स्ट्रिप महसूस हो रहा था.
मैंने पूछा- यह क्या है?
वो मुझ पर गुस्सा हो गई और बोली- ये तुम क्या कर रहे हो?
मैं हंसता हुआ उसकी पीठ को रब करता रहा; कुछ देर बाद शायद उसे भी शायद अच्छा लगने लगा था; और उसने कुछ नहीं कहा; रास्ते में कुछ सन्नाटा सा था; तो मैं अपने हाथ को उसके और पीछे को ले गया; और उसके बूब्स को टच कर दिया.
अब उसने भी मुझे नहीं रोका; उसने दुपट्टे से मेरा हाथ ढक दिया ताकि कोई देख ना सके; उसकी इस हरकत से मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैंने उसके एक स्तन को पीछे से ओर दूसरे हाथ से आगे से उसके दूसरे स्तन को पकड़ कर सहलाने लगा; मैं पहली बार किसी लड़की के स्तन टच कर रहा था; मेरी साँसें तेज हो रही थीं.
उसने बोला- तुम्हारी हालत तो इतने में ही खराब हो रही है; आगे क्या करोगे?
मैं बस उसकी चूचियों में लगा था.
फिर वो घर पहुँच गई; तो मैंने कहा- मैं भी अन्दर चलूँ?
तो उसने कहा- मेरे पति कभी भी आ सकते हैं यार; इसलिए आज नहीं; हम कल मिलते हे.
अगले दिन उसने लंच टाइम में बोला- आज मुझे शॉपिंग करनी है; मेरे साथ चलोगे?
मैं मान गया और हम दोनों मार्केट आ गए; उसने लेडीज मार्केट से अपने लिए सामान खरीदा; फिर हम खाने के लिए एक रेस्टोरेंट में गए. वो रेस्टोरेंट सिर्फ़ कपल्स के लिए था; हम दोनों भी एक केबिन में जाकर बैठ गए; और खाना ऑर्डर किया.
मैंने अपना हाथ उर्वी की जाँघों पर रखा तो उसने कहा- तुम मेरे एक अच्छे दोस्त हो; और दोस्त ही रहो; तुम जानते हो की मैं शादीशुदा हूँ; मेरा पति है.
मैंने कुछ नहीं बोला और फिर से उसके स्तन को पकड़ कर सहलाने लगा.
कुछ देर तो उसने मना किया; पर जब मैं नहीं माना तो उसने भी मुझे सहयोग करना शुरू कर दिया; थोड़ी देर बाद उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया; और टटोलते हुए कहा- अरे. तुम्हारा तो काफ़ी लंबा है!
मैंने पूछा- तुम्हारे पति का कैसा है?
उसने कहा- तुम्हारा तो मेरे पति से काफ़ी बड़ा है.
मैंने उसके स्तन को दबाकर खूब मजा लिया; तभी ऑफिस से फोन आया और हम दोनों ऑफिस चले गए.
उसने मुझ से संडे को अपने घर आने के लिए कहा; मैं सन्दे को उसके घर गया; मैंने देखा कि उसके घर पर ऑफिस की एक और लड़की भी आई थी; हम लोगों ने खाना खाया लेकिन आज मुझे उसे टच करने का कोई भी मौका हाथ नहीं लगा; क्योंकि वहाँ उसका पति भी था.
फिर शाम हो गई और ऑफिस की दूसरी लड़की ने उर्वी से कहा- यार शाम काफ़ी हो गई है; क्या तुम्हारे पति मुझे बाइक से घर छोड़ देंगे?
उसने अपने पति से कहा और वो उसे छोड़ने चला गया; मैंने अंदाजा किया कि उस लड़की का घर लगभग १५ किलोमीटर दूर था; इसलिए ट्रैफिक वगैरह में समय लगकर करीब एक घण्टा लग जाना था.
उसके पति के जाते ही मैंने घर का दरवाजा बन्द कर लिया; उर्वी ने मुझे रोकने की कोशिश की; और कहा- प्लीज़ ऐसा मत करो; मेरे पति कभी भी आ सकते हैं; मैंने कहा वह दूर जाने वाला हे और एक घंटा तो लग ही जायेगा
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे उसके बेडरूम में ले गया; और उसे बिस्तर पर लिटा दिया; उसने मुझे थप्पड़ जड़ दिया और खूब डांटा; मैंने भी उसे जोर से पकड़ा और उसके होंठों को किस करने लगा; वो बहुत मना कर रही थी; लेकिन मैं नहीं माना, मैंने उसे बेड पर लिटाकर उसका टॉप ऊपर किया; तो उसकी ब्रा दिखने लगी.
अब तो मैं कंट्रोल से बाहर हो गया; और मैंने उसका टॉप खींच कर खोल दिया; फिर उसकी ब्रा की स्ट्रिप नीचे करके उसके एक स्तन को अपने मुँह में ले लिया.
थोड़ी देर बाद उर्वी को भी मजा आने लगा, बोलने लगी ये उह्ह ईई ओहोह ओओं उऔ यस्स य्य्स य्य्स इह्ह आयी यस्स्य्य य्य्स और जोर से चूसो; तुम्हारा लंड कहाँ है बेबी औउ यस य्य्स्य इह्ह आयु यी ई ओओओ निकालो उसे..
उर्वी के मुँह से ऐसा सुन कर मेरा और जोश बढ़ गया और मैं पागल हो गया.
फिर मैंने पूछा- तुम्हारा पति तुम्हें ठंडा नहीं कर पाता क्या?
उर्वी ने कहा- ऐसी बात नहीं है; लेकिन तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो; बस इतना डर लगता है कि कहीं कोई देख ना ले.
मैंने कहा- उर्वी , अगर तुम साथ दो तो हम १५ मिनट में अपना काम कर लेंगे और किसी को पता नहीं चलेगा.
फिर उर्वी ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिये; वो मेरा लंड लेकर चूसने लगी; मुझे बहुत मजा आ रहा था; उसने अपना ट्राउज़र उतार दिया और मेरे ऊपर लेट गई; मैंने उर्वी को अपने नीचे करते हुए उसके गया.
मैं बोला- मेरा लंड पकड़ो और अपनी चूत पर सही निशाने पर रखो; उसने वैसा ही किया. मैंने जोर लगाया और एक बार में पूरा लंड अन्दर चला गया; लंड के घुसते ही वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी और छोड़ने के लिए कहने लगी; पर मैं रुका नहीं बल्कि मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी.
फिर वो 2 मिनट बाद ही झड़ गई; और एकदम शांत हो गई, मैं अब भी उसे चोदे जा रहा था.
मैंने पूछा- क्या हुआ, इतनी जल्दी झड़ गई?
वो मेरे सीने को चूम रही थी; फिर मैं भी झड़ गया और शांत हो कर उसके स्तनों पर ही लेट गया; आधे घंटे बाद उसने मुझे उठाया और हमने अपने कपड़े पहने. इसके बाद मैं वहाँ से चला गया.
ऑफिसवाली शादीशुदा
On 11:42 PM
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ऑफिसवाली शादीशुदा
2 comments
Click here for commentsपड़ोसन की प्यास और मेरे मजे! पूरी कहानी पढ़े
Balasvery nice story.. meri chut se paani aa gaya
BalasShow Konversi KodeHide Konversi Kode Show EmoticonHide Emoticon